Breaking News

शिक्षकों को स्थानांतरित स्थानों के लिए रिलीव किया नही किया ?

छतरपुर [संतोष गंगेले ] छतरपुर एक साल पहले जिले में शिक्षकों एवं लिपिकों के स्थानांतरण किए गए थे। इनमें से कुछ शिक्षक हाईकोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने डीईओ को एक माह में स्थानांतरण का निराकरण करने के आदेश दिए थे। लेकिन दस माह का समय बीतने के बाद भी डीईओ ने न तो किसी प्रकार का निराकरण किया और न ही शिक्षकों को स्थानांतरित स्थानों के लिए रिलीव किया है।
शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पनौठा के एकाउंटेंट हरिश्चंद अहिरवार का स्थानांतरण बारीगढ़ के लिए किया गया। हरिश्चंद अहिरवार ने पत्नी की बीमारी का कारण बताकर याचिका दायर की। इस याचिका में दिए गए निर्देश के अनुसार डीईओ को निराकरण के लिए अधिकृत किया गया था और निराकरण तक के लिए एकाउंटेंट को पनौठा में रखने का निर्देश था, फिर भी आज तक निराकरण नहीं हुआ। इसी प्रकार राजाराम अहिरवार प्राइमरी शाला कतरवारा, शंकर सिंह गौर आलीपुरा, वकील खान दौरिया से अन्यत्र स्थानांतरित होने पर हाईकोर्ट की शरण में गए और प्रकरण के निराकरण के लिए डीईओ को अधिकृत किए जाने के बावजूद भी डीईओ द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। शंकर सिंह और वकील खान के लिए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने प्रकरण के निराकरण का आदेश दिया था परंतु डीईओ द्वारा निराकरण नहीं किए जाने के कारण इन शिक्षकों ने अब अवमानना याचिका दायर की है।
प्राथमिक स्कूल चंद्रपुरा के सहायक शिक्षक रामऔतार शर्मा का स्थानांतरण प्राथमिक शाला बसाटा के लिए किया गया था। उन्होंने बीमारी का कारण बताकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में डीईओ छतरपुर को निर्देशित किया गया कि मामले का निराकरण करें और निराकरण होने तक रामऔतार शर्मा को प्राथमिक शाला चंद्रपुरा में ही रखें। डीईओ ने इन्हें चंद्रपुरा वापस तो कर दिया परंतु निराकरण आज तक नहीं किया। वहीं प्राथमिक शाला मानपुरा के पीटीए अध्यक्ष किशोरा कुशवाहा ने पीजी सेल में आवेदन देकर मांग की थी कि रामऔतार शर्मा बसाटा नहीं जाना चाहते हैं तो उन्हें शिक्षक विहीन शाला मानपुरा में भेज दिया जाए, लेकिन विभाग ने पीजी सेल के जवाब में शासन को गुमराह कर लिखा था कि मानपुरा में रामऔतार शर्मा को नहीं भेजा जा सकता है क्योंकि यहां पर स्थानांतरण द्वारा पद पूर्ति कर दी गई है। जबकि इस शाला में आज भी सहायक शिक्षक का पद खाली पड़ा है।


24 जून 10 को जारी स्थानांतरण सूची में शासकीय गल्र्स मिडिल स्कूल बमीठा में पदस्थ प्रधान अध्यापिका माधुरी ठाकुर का स्थानांतरण शासकीय मिडिल स्कूल उदयपुरा के लिए किया गया था। माधुरी ठाकुर के स्थानांतरण के बाद अध्यापिका प्रतिभा शुक्ला को चार्ज दे दिया गया। माधुरी ठाकुर स्थानांतरण के विरुद्ध हाईकोर्ट चली गईं। हाईकोर्ट की डबल्स बेंच ने माधुरी ठाकुर के स्थानांतरण के मामले के निराकरण के लिए डीईओ को एक माह का समय दिया, लेकिन डीईओ ने न तो किसी प्रकार का नया आदेश जारी किया और न ही माधुरी ठाकुर की पदस्थापना के बारे में किसी प्रकार का निर्णय लिया। बल्कि माधुरी ठाकुर के स्थान पर प्रतिभा शुक्ला को प्रधान अध्यापक का प्रभार दे दिया गया। तब से अध्यापिका प्रतिभा शुक्ला प्रभार में हैं और प्रधान अध्यापिका माधुरी ठाकुर उनके अधीनस्थ कार्य कर रही हैं। उपस्थिति रजिस्टर में भी प्रतिभा शुक्ला के नाम के नीचे माधुरी ठाकुर का नाम लिखा जा रहा है। इससे माधुरी बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि वे अनुसूचित जनजाति से हैं इस कारण उसे जानबूझकर प्रताडि़त किया जा रहा है। इस मामले को लेकर वे अब पुन: हाईकोर्ट जाने की योजना बना रही हैं।

कोई टिप्पणी नहीं